भारत में यूएन रैज़िडैण्ट कोऑर्डिनेटर, शॉम्बी शार्प ने कहा कि भारत में शुरू में एक दिन में 2 करोड़ 50 लाख टीके लगाए गए, फिर 10 महीनों में एर अरब टीके, और अब 2 अरब टीके लगाने का अहम मुक़ाम, वयस्कों के लिये उपयोग में आने वाले चार टीके, और बच्चों के लिये दो टीके.
भारत ने 16 जनवरी 2021 को अपना कोविड वैक्सीन टीकाकरण अभियान शुरू किया था और तब से अब तक, वर्तमान के इस सबसे बड़े स्वास्थ्य ख़तरे के ख़िलाफ़ अधिक से अधिक लोगों की रक्षा के लिये टीकाकरण कवरेज का उत्तरोत्तर विस्तार किया गया है.
शॉम्बी शार्प ने भारत सरकार, देशवासियों और विशेष रूप से इस काम में जुटे लाखों स्वास्थ्यकर्मियों व अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, वैज्ञानिकों, वैक्सीन निर्माताओं और नीति निर्माताओं को बधाई देते हुए कहा, “दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन अभियान की शुरुआत के बाद से केवल 18 महीनों में, भारत ने कोविड-19 महामारी को हराने के लिये अद्वितीय पैमाना और गति दिखाते हुए, दो अरब से अधिक जीवन रक्षक टीके लगाने में सफलता प्राप्त की है.”
यूएन एजेंसियों का सक्रिय सहयोग
यूएन रैज़िडेण्ट कोऑर्डिनेटर ने बताया, “महामारी की शुरुआत के बाद से, टीम यूएन इण्डिया भारत के साथ मज़बूती से खड़ी है, अग्रिम मोर्चों पर कार्यकर्ताओं का समर्थन कर रही है, व्यवस्था को मज़बूत करने के लिये, आवश्यक उपकरण व चिकित्सा आपूर्ति प्रदान कर रही है, समुदायों के साथ काम करते हुए, ग़लत जानकारियों से लड़ रही है और सबसे कमज़ोर लोगों की रक्षा के लिये तत्पर है, जिससे कोई भी पीछे न छूट जाए.”
वैश्विक महामारी के विरुद्ध लड़ाई में, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने भारत को यथासम्भव समर्थन दिया है
भारत में यूनीसेफ़ की प्रतिनिधि, यासुमासा किमुरा ने बताया, “महामारी प्रतिक्रिया की शुरुआत के बाद से, यूनिसेफ़ ने भारत सरकार को वॉक-इन कूलर, फ़्रीज़र, रेफ़्रिजिरेटर और डीप फ्रीज़र सहित 4,195 से ज़्यादा इलैक्ट्रिकल कोल्ड चेन उपकरणों की ख़रीद व आपूर्ति करके मदद प्रदान की है. हमने 6 लाख से अधिक कोल्ड बॉक्स और वैक्सीन कैरियर भी मुहैया कराए हैं.”
यूनीसेफ़ की प्रतिनिधि ने भारत को कोविड-19 टीकाकरण की दो अरब ख़ुराक़ें देने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने पर बधाई देते हुए कहा, "भारत जैसे विशाल और विविधता वाले देश में 18 महीनों में टीकों की दो अरब ख़ुराक़ें पूरी करना, एक अभूतपूर्व उपलब्धि है और भारत के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के धैर्य व समर्पण का एक प्रमाण है, जिन्होंने बार-बार महामारी की लहरों, ख़राब मौसम, दुर्गम इलाक़ों और दूर-दराज़ क्षेत्रों की चुनौतियों के बावजूद, देश के सभी हिस्सों में टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिये अथक प्रयास किये हैं.”
उन्होंने कहा कि यह क्षण उन वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य चिकित्सकों, वैक्सीन निर्माताओं व नीति निर्माताओं की कड़ी मेहनत का सम्मान करने का भी है, जिन्होंने सभी तक टीकों की समय पर उपलब्धता और समता सुनिश्चित की.
उन्होंने कहा, “कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने के लिये, उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने और भारत के टीकाकरण अभियान को और तेज़ करने हेतु यूनीसेफ़, राष्ट्र के संचार अभियानों में भारत सरकार का समर्थन करना जारी रखेगा.
यूनीसेफ़ ने संचार, पैरोकारी और समाज को एकजुट करने के लिये, टीकाकरण अभियानों को लेकर जागरूकता बढ़ाने में मदद की. वास्तविक समय में मीडिया निगरानी ने मिथकों को ख़त्म करने, ग़लत सूचना का मुक़ाबला करने और टीके लगवाने में बाधा डालने वाली फ़र्जी ख़बरों से लड़ने में मदद की है.
यूनीसेफ़ द्वारा बनाए गए सरल वैज्ञानिक सन्देशों और ऑडियो-विज़ुअल सामग्री से, सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम पर सटीक जानकारी प्रसारित करके, कोविड-19 टीकाकरण अभियानों में मदद की है.”
डिजिटल प्लैटफॉर्म
भारत सरकार द्वारा विकसित CoWIN (Winning Over Covid-19) डिजिटल मंच, देश के सफल टीकाकरण अभियान की आधारशिला है. इस मंच के ज़रिये, टीकाकरण की निगरानी, टीके लगवाने के लिये पंजीकरण और टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी किया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) देश भर में CoWIN प्लैटफ़ॉर्म के संचालन के लिये, भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को तकनीकी व कार्यान्वयन सहायता प्रदान कर रहा है.
वर्ष 2015 से यूएन एजेंसी, इलैक्ट्रॉनिक वैक्सीन इन्टैलीजेंस नैटवर्क, यानि eVIN का उपयोग करने के लिये, वैक्सीन और कोल्ड चेन के काम से जुड़े कर्मचारियों को प्रशिक्षित करता रहा है.
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस डिजिटल तकनीक द्वारा, वैक्सीन भण्डार का डिजिटलीकरण करने और कोल्ड चेन के तापमान की निगरानी की जाती है.
भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की रैज़िडेन्ट प्रतिनिधि, शोको नोडा ने कहा, “भारत का कोविड-19 टीकाकरण अभियान 18 महीनों के भीतर दो अरब ख़ुराक़ों के साथ एक और मुक़ाम पर पहुँच गया है."
"सभी के लिये टीकों की समान पहुँच सुनिश्चित करने में CO-WIN प्लेटफॉर्म महत्वपूर्ण रहा है. यूएनडीपी भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का समर्थन करने के लिये प्रतिबद्ध है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में कोई भी पीछे न रह जाए.”
एक सच्चा जन-आन्दोलन
भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधि, डॉक्टर रॉड्रिको एच ऑफ़्रिन का मानना है, “भारत की महामारी प्रतिक्रिया जन-आन्दोलन की सच्ची भावना से आगे बढ़ी है. इसमें हर एक नागरिक को शामिल किया गया है और सभी ने अपनी भूमिका निभाई है. सभी के सवालों का जवाब दिया गया और अफ़वाहों और शंकाओं की पहचान करके, उन्हें दूर किया गया.”
उन्होंने कहा कि WHO, कोविड प्रतिक्रिया में भारत सरकार का समर्थन करना जारी रखेगा.
अब तक, भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 26 हज़ार फ़ील्ड अधिकारियों को टीकाकरण अभियान के लिये ज़मीनी सहायता प्रदान करने और टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभावों की निगरानी के लिये तैनात किया है.
इसके अलावा, 4 लाख 70 हज़ार से अधिक कोविड-19 टीकाकरण सत्रों की निगरानी, 29 लाख से अधिक लाभार्थियों की सामुदायिक निगरानी, 75 हज़ार से अधिक कार्यक्रम अधिकारियों व चिकित्सा अधिकारियों, 7 लाख 30 हज़ार स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, और एक लाख 60 हज़ार अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान किया है.
इसके अलावा टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं को दर्ज करने के लिये, COWIN के साथ एकीकरण के लिये, SAFEVAC 2.0 विकसित किया गया, और कोविड-19 टीकाकरण को मज़बूत करने के लिये, निगरानी डेटा के विश्लेषण की सुविधा दी गई.
‘वसुधैव कुटुम्बकम’
डॉक्टर रॉड्रिको एच ऑफ़्रिन ने कहा, “भारत ने महामारी को समाप्त करने के लिये वैश्विक लड़ाई का समर्थन करने हेतु, मध्यम और निम्न आय वाले देशों को कोविड-19 टीके प्रदान करने में अनुकरणीय नेतृत्व का प्रदर्शन किया है.
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ – यानि सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है. जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं कोई भी सुरक्षित नहीं है. भारत ने दिखाया है कि कैसे हम एक विश्व के रूप में आगे बढ़ सकते हैं. अगर भारत मुस्तैद है तो मतलब पूरी दुनिया मुस्तैद है!”
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